Motivational Story of Father and a Son

एक खूबसूरत सी कहानी आपको सुनाना चाहता हूँ। तो ये कहानी एक पिता और एक पुत्र की है। This motivational story is of a father and a son. तो एक लड़का था। 15 या 16 साल का है। उसे हर बात पर हमेशा गुस्सा आता था। और उसे इतना गुस्सा आता था। की वो कभी भी किसी को गुस्से में कुछ भी कह देता या कुछ भी कर देता था।

तो उसके पिता उसकी इस बात से परेशान हो गए।और उन्होंने सोचा कि मुझे अपने बेटे की इस आदत को सुधारना चाहिए।तो उन्होंने अपने बेटे को बुलाया और उसे एक कील से भरा हुआ बॉक्स दिया और कहा कि अगली बार से जब भी तुम्हें गुस्सा आये, तुम एक कील हमारे घर की पीछे वाली दीवार पर ठोक देना तो उसका बेटा कील का बॉक्स लेकर चला गया।

Motivational Story of father and a son
Motivational Story of father and a son

अब जब भी उस लड़के को गुस्सा आता तो वो एक कील निकालता और दीवार पर ठोक देता है और वो हमेशा ऐसा करता।और ऐसा करते करते वो किलो भरा बॉक्स खत्म हो गया। अब वो अपने पिता के पास आया कि पापा वो बॉक्स खत्म हो चुका है तो उसके पिता ने कहा अब तुम एक काम करो।

Motivational Story of Father and a Son

अब जब भी तुम्हें अगली बार से गुस्सा आये, तुम एक एक कील वापस निकाल दिया करो।तो अब जब भी उस लड़के को गुस्सा आता वो कील निकाल देता और वो हमेशा ऐसा करता जब भी उसे गुस्सा आता है वो एक ही कील निकाल देता है तो 1 दिन उसने सारे कील निकाल दी।

Motivational Story of father and a son
Motivational Story of father and a son

अब वह अपने पिता के पास आया।की वो सारी किले में निकाल दी तो उसके पिता उसे उस दीवार के पास ले गए और उससे कहा देखो बेटा ये दीवार पहले कैसी थी और तुमने इस पर इतनी कीलें ठोकी, उसके बाद निकाल दी। लेकिन जो इस दीवार पर निशान रह गए उन्हें तुम अब नहीं निकाल सकते। उनका तुम कुछ नहीं कर सकते।

गुस्सा भी बिल्कुल ऐसा होता है।हम गुस्से में कुछ कह देते हैं, कुछ कर देते हैं।और बाद में उसे अगर हम ठीक भी करना चाहे तो ये उसी निशान की तरह हमेशा के लिए रहते हैं और उस लड़के को ये बात समझ आ गयी तो मेरे दोस्त हमारी जिंदगी में भी ऐसा ही होता है।

हमारा गुस्सा कई बार हम पर हावी हो जाता है। हम अपने गुस्से में कभी भी कुछ भी बोल देते है, कुछ भी कर देते हैं, लेकिन बाद में हमें पछतावा होता है कि हमें ऐसा नहीं बोलना चाहिए था। ऐसा नहीं करना चाहिए तो हमेशा अपने गुस्से को काबू में रखें।

रिऐक्ट करने की जगह रिस्पॉन्ड करें, सोच समझकर ही ऐक्शन लें।गुस्से में एक कभी भी कोई बड़ा कदम ना ले।और हमेशा की तरह मैं आपको एक बात बोलना चाहूंगा कि आप अपनी जिंदगी में हर चीज़ हासिल कर सकते हैं। आप हर वो चीज़ हासिल कर सकते हैं जो आप चाहते हैं।और मुझे आपके सपनों पर यकीन है।

अगर आपको यह कहानी पसंद आई है। तो अपने दोस्तों के साथ शेर कीजिये।अगर आप और कहानियां पढ़ना चाहते हैं। तो यहां क्लिक करें।

By Sadda Punjab