Swami Vivekananda Motivational Story in Hindi
Swami Vivekananda एक मंदिर के आगे से गुजर रहे थे। उनके हाथ में कुछ केले थे तो उस मंदिर में बहुत सारे बंदर हुआ करते थे तो जैसे ही उन्होंने स्वामी विवेकानंद के हाथ में केले देखें, बंदर उनका पीछा करने लगे।
जब स्वामी विवेकानंद ने देखा कि बंदर उनका पीछा कर रहे हैं तो उन्होंने अपने चलने की गति तेज कर दी और बंदरों ने जब ये देखा तो बंदर भी तेजी से उनका पीछा करने लगे।
ये देखकर स्वामी विवेकानंद घबराऔर बहुत तेजी से चलने लगे और वो जितना तेजी से चलते बंदर उतनी तेजी से उनका पीछा करते हैं। और स्वामी विवेकानंद बहुत ज्यादा डर गए और वहाँ से भागने लगे। लेकिन जैसे ही उन्होंने भागना शुरू किया, सारे बंदर उनके पीछे भागने लगे।
मंदिर के पुजारी ने ये सब देखा तो उन्होंने पीछे से ज़ोर से आवाज लगाई, भागो मत, सामना करो, तुम जितना भागोगे ये तुम्हें उतना भगाएंगे। Swami Vivekananda जी के कान मेँ उनकी बात गयी और वो रुक गए।
वो एक जगह पर रुक गए और सारे बन्दर भी रुक गए। उन्होंने उन सब की आंख में आंख डालकर देखा और बंदरों को ज़ोर से डांट लगाकर भगा दिया और सारे बन्दर डर कर भाग गए।
इस छोटी सी घटना ने स्वामी विवेकानंद जी की जिंदगी बदल दी। दोस्तों ये कहानी बहुत छोटी है लेकिन ये कहानी आपकी भी जिंदा।ही बदल सकती है। आप डर से जितना डरोगे डर आपको उतना डर आएगा और जब आप डर का सामना करोगे वो डर आप से डरकर भाग जाएगा।
ज़िन्दगी में कोई भी डर हो, exam का डर हो, स्टेज में चढ़ने का डर हो, नौकरी पाने का डर हो, बिज़नेस में loss का डर हो, किसी से बात करने का डर हो, मौत का डर हो, किसी भी तरह का डर हो जिस दिन आपने डरना बंद कर दिया और डर की आंख में आंख डालकर मुकाबला करना शुरू कर दिया। उस दिन डर आप से डरेगा और आपका आत्मविश्वास इतना बढ़ जाएगा कि आप अपनी जिंदगी में कामयाबी हासिल करने लगेंगे।
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By Sadda Punjab