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Motivational Story of Barber in Hindi

Motivational Story of Barber in Hindi

बहुत समय पहले की बात है एक राज्य हुआ करता था और जो वहाँ का राजा था वो हमेशा एक नाई के पास आया जाया करता था। वो नाई के पास अपनी मसाज करवाता, अपने बाल बनवाता और ऐसे ही उसका आना जाना वहाँ लगा रहता था। लेकिन राजा हमेशा एक बात नोटिस करता था।

वो देखता था की जो वो नाई है वो बहुत खुश रहता था, हमेशा उछलता कूदता रहता था, गाता रहता था।उमंग से जूझता रहता था।तो राजा को बड़ी हैरानी हुई कि मैं इतना बड़ा राजा हूँ, इतनी धन संपदा मेरे पास है।लेकिन यह छोटा सा नाई इतना खुश कैसे रहता है ?

Motivational Story of Barber in Hindi
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मैं तो हमेशा परेशान रहता तो आखिरकार 1 दिन राजा ने उस नाई से पूछ ही लिया।कि मुझे एक बात बताओ, तुम इतना ज्यादा खुश कैसे रहते हो ? तो नाई ने मुस्कुराते हुए कहा सीधा सा जवाब दिया कि राजा साहब जितना आप मुझे देते हैं, मैं उतने में ही संतुष्ट रहता हूँ और खुश रहता हूँ ? मैं उससे ज्यादा की कामना नहीं करता हूँ और ना मुझे उससे ज्यादा की इच्छा है। इसलिए मैं हमेशा  गाता रहता हूँ और भगवान का शुक्रिया अदा करता हूँ।

लेकिन राजा को इस बात पर यकीन नहीं हुआ।उसे लगा कि इसकी खुशी का कोई और कारण है तो राजा ने ये सारी बात अपने मंत्री को बताई तो मंत्री ने कहा राजा साहब वो नहीं बिलकुल सही कह रहा है। उसकी खुशी का यही कारण है कि वो 99 के चक्कर में नहीं फंसा तो राजा ने कहा कि इसका क्या मतलब हुआ तो मंत्री ने कहा मैं आपको बताता हूँ।

तो मंत्री ने राजा के साथ मिलकर एक योजना बनाई।और उस नाई के घर के आगे 99 सोने की मुद्राएं रख di। उसने देखा कि उसके घर के आगे निन्यानबे सोने की मुद्राएं रखी थी। उसने देखा कि ये निन्यानबे मुद्राएं है, वो परेशान हो गया कि कोई उससे इन्हें छीन ले। उसके पास पहली बार इतना धन आया था लेकिन उसके मन में एक इच्छा आयी क्यों ना मैं इन्हें 100 पूरा कर लू ?

उसके बाद अगली सुबह से नाई दिन रात मेहनत करने लगा। उसे बस एक और स्वर्ण मुद्रा चाहिए थी। वो परेशान रहता। वो दिन रात काम करता रहता तो राजा ने जब उसे परेशान देखा तो राजा ने उससे पूछा कि क्या बात है, अब तुम उतना खुश नहीं हो।

आखिर ऐसी क्या बात है जिसने तुम्हें परेशान कर दिया ? नाई ने राजा को साफ साफ सारी बात बता दी। फिर राजा मुस्कुराने लगा कि मंत्री ने बिल्कुल।सही कहा था। तुम 99 के चक्कर में नहीं फंसे, तुम्हारी संतुष्टि ही तुम्हारी खुशी का कारण थी

तो राजा ने उसे साफ साफ सब कुछ बता दिया कि यह उसी की योजना थी और अब वो 99 मुद्राएं तुम रख सकते हो लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है। तुम उसे 100 करने के चक्कर में मत फंसो तो नाई ने कहा कि राजा साहब मुझे बस एक और स्वर्ण मुद्रा चाहिए, उसके बाद में संतुष्ट हो जाऊंगा।

तो ये छोटी सी कहानी है लेकिन यह हमें बहुत कुछ सिखाती है। भले ही इस कहानी में हमने नाई को 99 से 100 मुद्राएं करते हुए देखा, लेकिन ये सारी बातें हमारी जिंदगी पर लागू होती है। हम जैसे जैसे बड़े होते हैं, हमारी इच्छाएं बढ़ती रहती है।

हमें एक चीज़ मीलती है। हमें दूसरी चीज़ लेने की इच्छा होती हम दूसरी प्राप्त करते हैं। हमें तीसरी की इच्छा होती है और हम कभी संतुष्ट नहीं रहते। जब हम बच्चे थे तो एक खेल से ही संतुष्ट हो जाते थे, लेकिन अब धीरे धीरे हमारी इच्छाएं बढ़ती रहती। हमारी कामनाएं बढ़ती रहती है और हम हमेशा इस जंजाल में फंसे रहते हैं।और इसी को कहते हैं 99 का चक्कर।

तो अगर आप अपनी जिंदगी में खुश रहना चाहते हैं तो जितना आपको मिला है उसके लिए शुक्रगुजार रहिये। आप अपनी जिंदगी में जरूर तरक्की कीजिए, अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते रहिए, लेकिन जितना आपके पास है उसके लिए शुक्रगुजार रहिये । खुश रहिए, आनंद में रहिये। 99 के चक्कर में मत फंसिए, खुशी खुशी आगे बढ़िए।

अगर आपको यह कहानी पसंद आई है। तो अपने दोस्तों के साथ शेर कीजिये।अगर आप और कहानियां पढ़ना चाहते हैं। तो यहां क्लिक करें।

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By Sadda Punjab

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